यहाँ इश्क़ है एक अधूरे ख्वाब सा जो आँख खुले तो टूट जाता है। यहाँ इश्क़ है एक अधूरे ख्वाब सा जो आँख खुले तो टूट जाता है।
गीत भरी इस जिंदगानी में कई अनसुने तराने कह गए।। गीत भरी इस जिंदगानी में कई अनसुने तराने कह गए।।
क्या ? करूं अब ऊंचाइयां इतनी दूरी पर है, नहीं जा पाऊंगा वहां पर।। क्या ? करूं अब ऊंचाइयां इतनी दूरी पर है, नहीं जा पाऊंगा वहां पर।।
खुद को संभालते संभालते,हम वक़्त में फिसलते रहे! खुद को संभालते संभालते,हम वक़्त में फिसलते रहे!
है जहां क़ीमत लिपि कि, कलम को वही गोदना है... है जहां क़ीमत लिपि कि, कलम को वही गोदना है...
कोशिश रहेगी क़ाबिल बनने की! कोशिश रहेगी क़ाबिल बनने की!